Posts

Showing posts with the label right

किसानों ने दिखाई जनतंत्र कि ताक़त

Image
सब मौत के बाथ टब में डूब रहे थे। पर कुछ लोगों के पास टेलीविज़न नहीं था, उनके पास थी तो बस ख़ुद को मारने की वजह। वो निकल पड़े सड़क पर उस वजह को दूर करने। मैं बात कर रहा हूँ महाराष्ट्र के किसानों कि जो चुप-चाप 6 दिन चलते रहे पैरों में छाले पड़ गए पर वो चलते रहे। भारत बाथ टब में डूबता रहा, मूर्तियों को तोड़ता रहा वो रुके नहीं। इतनी हिम्मत कहाँ से लाए ये किसान बस ये सवाल मन मैं बार-बार आ रहा है। 35 हज़ार किसान चुप - चाप चलते रहे और हमारे देश के नेता देखते रहे किसी की हिम्मत नहीं हुई इस सैलाब को हाथ लगाने की । विपक्षी भी हका-बक़ा रह गया,ओर सरकार के हाथ-पैर फूल गए। तभी  तो जैसे ही किसान मुम्बई पहुंचे सरकार ने सारी माँगे मान ली। अब माँगे पूरी होंगी ये अलग विषय है। पर पहली बार जनतंत्र की ताक़त का अह्सास हुआ। 35 हज़ार किसानों ने बिना एक भी मूर्ती तोड़े बिना एक भी बस जलाये अपनी बात मनवानी। सायद महात्मा गांधी इसी अहिंसा की बात करते होंगें जो मैने आज से पहले नहीं देखी थी। हर प्रदर्शन में हिंसा और लाठीचार्ज की बात सुनकर मैं ये समझने लगा था प्रदर्शन ऐसे ही होते होंगे।  पर मुझे लगता है ये तूफ़ान क...