मार्क जुकरबर्ग को हमारे मंत्री का ट्वीट

कभी-कभी लगता है मैं पढ़े लिखे अनपढ़ लोगो के देश में रहता हूँ। जहाँ कोई कुछ भी मूर्खतापूर्ण बात कर सकता है। पर मूर्खता की बात करने के लिए दो विशेषताओं की जरूरत है इस देश में पहली मुर्ख होना और दूसरी उन मूर्खों का सरदार होना। सच में समझना मुश्क़िल है कि मैं नासमझ हुँ या नासमझों के बीच पैदा हो गया हूँ। मैं ये टिप्पणी हाल ही के बहुचर्चि फ़ेसबुक डेटा ब्रीच के मामले में कर रहा हूँ। जिस देश लोगो को प्राइवेसी का मतलब भी नहीं पता है। वहाँ का सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री ट्विट्टर पर फ़ेसबुक के मालिक को भारतीयों का डेटा सुरक्षित करने की बात कर रहा है। ऊपर से भारत के कानून की कठोरता की चेतावनी दे रहे है। ये इसी देश में हो सकता है तभी तो सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री जी के ट्वीट करते ही उसी फ़ेसबुक पर उनके memes  आ गए। अगर भारतीयों का फ़ेसबुक डेटा ब्रीच हो भी गया तो बड़ी बात क्या है। हम लोगो ने तो पहले ही अपने उंगलियों ओर आँखों के निशान दे रखे है। हमारा फेसबुक डेटा किसी ओर के पास जाने से कोई फर्क नहीं पड़ता है। कोई हमारा डेटा लेकर करेगा भी क्या। चुनावों को प्रभावित और प्रोपोगेंडा की थ्योरी सभ्य और विकसित देशों की है। हमारे देश में ये सब नहीं चलता यहाँ तो बस वोट से पहले नोट ओर बोतल चलती है। चुनाव तो यहाँ मन्दिर वहीं बनाएंगे और पंद्रह लाख बैंक में आएंगे के नारे से नेता जीत जाते हैं। यहाँ फ़ेसबुक के डेटा की कोई जरूरत नहीं है। तो बात ये है कि बकैती करने के लिए हमारे पास बहुत से मुद्दे है। उन पर बकैती करते है क्यों फालतू में ऐसे मुदों पर बकैती करे जो समझ के बाहर हो। 

Comments

Popular posts from this blog

four reason why i am unemployed

मै कैसा पत्रकार बनुँगा ?

विकास का एजेंडा